बहुत समय पहले की बात है, एक घने और हरे-भरे जंगल में एक भालू रहता था जिसका नाम बलू था। बलू अपनी भारी-भरकम कद-काठी और आलसी स्वभाव के लिए जाना जाता था। उसे सोना और खाना बहुत पसंद था, और अक्सर वह जंगल के पेड़ों के नीचे आराम करता रहता था। जब भी अपना मनपसंद खाना मिल जाये वह खाकर फिर से सो जाता था। वहीं, जंगल के एक कोने में मधुमक्खियों का एक बड़ा छत्ता भी था। मधुमक्खियाँ अपनी मेहनत और अनुशासन के लिए प्रसिद्ध थीं। उनका छत्ता हमेशा व्यवस्थित और साफ-सुथरा रहता था।
एक दिन, गर्मी की शुरुआत के साथ जंगल में फल और फूल खिलने लगे। बलू को जंगल के ताजे फल खाने का मन हुआ, लेकिन उसे एक परेशानी थी। उसे पेड़ों पर चढ़ने में कठिनाई होती थी और उसे फल तोड़ने में समस्या होती थी। वह अक्सर उन पेड़ों की ओर नजर डालता था जहाँ फल पक चुके थे लेकिन उसकी पहुंच से बाहर थे।
एक दिन, बलू ने सोचा कि अगर वह मधुमक्खियों से मदद मांग ले तो शायद वे उसे फलों तक पहुंचने में मदद कर सकें। उसने मधुमक्खियों के छत्ते की ओर जाने का निश्चय किया और उन तक पहुँचा। बलू ने मधुमक्खियों से कहा, “नमस्ते मधुमक्खियों, मैं बलू हूँ। मुझे पेड़ों पर लगे फलों की मदद चाहिए। क्या आप मेरी मदद कर सकती हैं?”
मधुमक्खियाँ, जो हमेशा व्यस्त रहती थीं, ने बलू की बात सुनी। उनकी रानी मधुमक्खी ने बलू से कहा, “हम आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं, लेकिन इसके बदले में हमें आपकी कुछ मदद चाहिए।”
रानी मधुमक्खी ने कहा, “हमारे छत्ते के पास एक छोटा सा गड्ढा हो गया है और उसमें पानी भर गया है। यह गड्ढा हमारे छत्ते के लिए खतरा पैदा कर रहा है। अगर आप इस गड्ढे को ठीक करने में हमारी मदद करेंगे, तो हम आपको फल पाने का तरीका बताएंगे।”
बलू ने सहमति व्यक्त की और मधुमक्खियों की मदद करने के लिए चल पड़ा। उसने गड्ढे को भरने के लिए मिट्टी और पत्थर इकट्ठा किए और गड्ढे को सही किया। उसकी मेहनत और लगन देखकर मधुमक्खियाँ बहुत खुश हुईं।
अब, मधुमक्खियाँ अपनी मदद के बदले में बलू को एक खास तरीका बताने लगीं। रानी मधुमक्खी ने कहा, “हमने देखा है कि पेड़ों पर फल लटकते हैं और आप उन्हें प्राप्त करने के लिए मुश्किल में हैं। हम आपको एक तरीका बताते हैं।”
मधुमक्खियाँ ने बलू को एक विशेष तरह की चिपचिपी रेजिन का प्रयोग करने के बारे में बताया, जो पेड़ों से फल गिराने में मददगार थी। बलू ने इस रेजिन को पेड़ों पर लगाया और देखा कि फल धीरे-धीरे गिरने लगे।
बलू ने अपनी मेहनत और मधुमक्खियों के बताए हुए तरीके का पालन करते हुए पेड़ों से ताजे फल प्राप्त किए और बहुत खुश हुआ। उसने मधुमक्खियों का धन्यवाद किया और उन्हें अपने छोटे से जंगल में विशेष जगह पर बुलाया, जहाँ उन्होंने बलू के आग्रह करने पर उन्होंने भी स्वादिष्ट फल का आनंद लिया।
इसके बाद, बलू और मधुमक्खियाँ अच्छे दोस्त बन गए। बलू ने यह सीखा कि हर किसी की मदद लेने से ही समस्याओं का समाधान होता है और हमें दूसरों की मदद भी करनी चाहिए। उसने देखा कि मधुमक्खियों की मेहनत और अनुशासन ने उन्हें सफल बनाया था और उन्होंने अपनी मदद के बदले में उसके साथ सहयोग किया था। तब से बलू भी मेहनत करना सीख गया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मदद मांगने और देने से जीवन में समस्याओं का समाधान किया जा सकता है। हमें दूसरों की मदद करनी चाहिए और अपनी समस्याओं का समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। बलू और मधुमक्खियों की दोस्ती ने यह साबित किया कि सहयोग और समझदारी से हम किसी भी चुनौती का सामना कर सकते हैं।
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