बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम रोहन था। रोहन एक गरीब परिवार से था, लेकिन उसका दिल बहुत बड़ा था और उसकी इच्छाएँ बहुत ऊँची थीं। उसे पढ़ाई का बहुत शौक था, लेकिन उसके पास अच्छे लिखने के लिए पर्याप्त सामग्री नहीं थी।
रोहन का सपना था कि वह बड़ा होकर एक महान लेखक बने। लेकिन, पुराने पन्नों और टूटे हुए पेंसिल से लिखना उसके लिए बहुत कठिन हो गया था। एक दिन, जब वह स्कूल से वापस आ रहा था, उसने एक बूढ़े आदमी को सड़क के किनारे बैठे देखा। बूढ़े आदमी के पास एक चमकदार कलम थी, जो किसी जादूई चीज़ की तरह दिखती थी।
रोहन ने बूढ़े आदमी से पूछा, “दादा जी, यह कलम इतनी चमकदार क्यों है?”
बूढ़े आदमी ने मुस्कुराते हुए कहा, “यह कोई साधारण कलम नहीं है, बेटा। यह एक जादुई कलम है। यह कलम जो भी लिखती है, वह सच हो जाता है।”
रोहन की आँखें चमक उठीं। उसने बूढ़े आदमी से विनती की, “दादा जी, क्या मैं इस कलम को अपने पास रख सकता हूँ? मैं बहुत मेहनती हूँ और इसका सही उपयोग करूँगा।”
बूढ़े आदमी ने रोहन की ईमानदारी और उत्साह को देखा और कहा, “ठीक है, बेटा। मैं तुम्हें यह कलम देता हूँ, लेकिन याद रखना, इसका उपयोग केवल अच्छे कामों के लिए करना।”
रोहन ने खुशी-खुशी कलम ले ली और बूढ़े आदमी का धन्यवाद किया। उसने सोचा कि अब वह अपनी कल्पनाओं को सच कर सकेगा।
घर पहुँचते ही, रोहन ने एक सफेद कागज निकाला और जादुई कलम से लिखना शुरू किया, “मेरे पास एक नई किताब होनी चाहिए।” जैसे ही उसने यह लिखा, एक नई चमचमाती किताब उसके सामने प्रकट हो गई। वह खुशी से उछल पड़ा और तुरंत पढ़ाई में लग गया।
अगले कुछ दिनों में, रोहन ने जादुई कलम से कई अच्छे काम किए। उसने अपने गाँव के बच्चों के लिए किताबें, अपने माता-पिता के लिए कपड़े और गरीब लोगों के लिए खाना लिखा। उसके हर लिखे शब्द साकार हो जाते और पूरे गाँव में उसकी प्रशंसा होने लगी।
एक दिन, रोहन के मन में एक विचार आया। उसने सोचा, “अगर मैं जादुई कलम से अपने लिए बहुत सारा सोना और धन लिख दूँ तो?” लेकिन फिर उसे बूढ़े आदमी की बात याद आई, “इसका उपयोग केवल अच्छे कामों के लिए करना।”
रोहन ने अपने लालच को परे रख दिया और सोचा कि धन और सोना तो केवल वस्तुएँ हैं, असली खुशी तो दूसरों की मदद करने में है।
रोहन के गाँव में एक लड़का था, जिसका नाम मोहन था। मोहन को पढ़ाई में बहुत कठिनाई होती थी और उसके पास किताबें भी नहीं थीं। रोहन ने अपनी जादुई कलम से मोहन के लिए नई किताबें और पढ़ाई की सामग्री लिखी। धीरे-धीरे, मोहन की पढ़ाई में रुचि बढ़ी और वह भी रोहन का अच्छा दोस्त बन गया।
कुछ दिनों बाद, गाँव के स्कूल में परीक्षा होने वाली थी। रोहन ने सोचा कि क्यों न इस बार जादुई कलम का उपयोग अपने सभी दोस्तों की मदद करने के लिए किया जाए। उसने कलम से एक बड़ा पुस्तकालय लिखा, जिसमें सभी प्रकार की किताबें थीं। सभी बच्चे उस पुस्तकालय में जाकर पढ़ाई करते और उनकी तैयारी बहुत अच्छी हो गई।
रोहन के अच्छे कामों की वजह से पूरा गाँव खुशहाल हो गया था। सभी बच्चे अच्छी पढ़ाई करने लगे थे, और गाँव के लोग भी खुश थे। गाँव की उन्नति देखकर रोहन को बहुत खुशी होती थी।
एक दिन, वही बूढ़ा आदमी फिर से गाँव में आया। उसने रोहन से कहा, “बेटा, तुमने इस कलम का बहुत अच्छे से उपयोग किया है। अब समय आ गया है कि मैं इसे किसी और जरूरतमंद को दे दूँ।”
रोहन ने कुछ क्षणों के लिए सोचा और फिर कलम बूढ़े आदमी को सौंप दी। उसने कहा, “दादा जी, मैंने इस कलम से बहुत कुछ सीखा है। अब मैं अपने मेहनत और ज्ञान से ही आगे बढ़ूँगा।”
रोहन की कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्ची खुशी दूसरों की मदद करने में है। जादुई चीज़ें और वस्तुएँ हमें केवल अस्थायी खुशी दे सकती हैं, लेकिन अच्छे काम और दूसरों की भलाई हमें जीवनभर की खुशी देते हैं। रोहन ने अपने लालच पर काबू पाया और दूसरों की मदद की, जिससे उसे असली संतुष्टि मिली।
इस तरह, रोहन की कहानी पूरे गाँव में मशहूर हो गई और वह सभी के लिए एक प्रेरणा बन गया। उसने अपनी मेहनत, ईमानदारी और दूसरों की सेवा से यह साबित किया कि सच्ची जादूई शक्ति हमारे भीतर ही है।
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