एक हरे-भरे जंगल में एक प्यारा सा कछुआ रहता था जिसका नाम मोटो था। मोटो बहुत ही शैतान और चंचल था। वह हमेशा किसी न किसी शैतानी काम में लगा रहता था। उसकी शैतानी से पूरे जंगल के जानवर परेशान रहते थे, लेकिन मोटो को इसकी कोई परवाह नहीं थी।
मोटो को खेलना और मजे करना बहुत पसंद था। एक दिन, उसने सोचा कि जंगल के सभी जानवरों के साथ एक बड़ा मजेदार खेल खेला जाए। उसने सभी जानवरों को एक जगह बुलाया और एक नई शैतानी योजना बनाई। मोटो ने सबको बताया, “चलो, आज हम सब मिलकर एक खास खेल खेलेंगे। इसमें हम सबको एक दूसरे से छिपकर अपनी-अपनी जगह पर छिपना होगा। जो सबसे लंबे समय तक छिपा रहेगा, वह जीत जाएगा।”
सभी जानवरों ने मोटो की बात मान ली और खेल की तैयारी करने लगे। सभी जानवर छिपने की जगह तलाशने लगे और मोटो को भी एक अच्छी जगह पर छिपने का समय मिल गया। मोटो ने सोचा कि वह इस बार अपनी शैतानी से सबको चौंकाएगा। उसने अपनी जगह छिपने के लिए एक ऐसा स्थान चुना जहाँ उसे सब कुछ देखने का मौका मिला और जहां वह आसानी से सबको चकमा दे सकता था।
खेल शुरू हुआ और सभी जानवर अपने-अपने स्थानों पर छिप गए। मोटो ने देखा कि सभी जानवर कितनी गंभीरता से खेल रहे हैं और उसने सोचा कि अब वह अपनी शैतानी शुरू करेगा। वह धीरे-धीरे सबके पास गया और उनके छिपने की जगह के पास जाकर उन्हें परेशान करने लगा।
मोटो ने सबसे पहले चूहे के पास गया। चूहे ने अपनी आँखें बंद कर रखी थीं और मोटो को देखकर चौंक गया। मोटो ने चूहे के कान में फुसफुसाते हुए कहा, “तुम्हारी छिपने की जगह बहुत ही खराब है। अगर तुम यहाँ छिपे रहोगे, तो तुम्हें बहुत जल्दी पकड़ा जाएगा।” चूहे ने मोटो की बात सुनी और जल्दी से अपनी जगह बदलने लगा।
इसके बाद, मोटो ने खरगोश के पास जाकर उसे परेशान किया। खरगोश ने मोटो को देखकर डर के मारे जल्दी से अपनी जगह बदल दी। मोटो की शैतानी से सभी जानवर परेशान हो गए थे और खेल का आनंद बिगड़ गया।
लेकिन तभी, एक बुद्धिमान उल्लू जो खेल के नियमों को बहुत अच्छी तरह समझता था, ने मोटो की शैतानी देख ली। उल्लू ने मोटो को समझाया, “मोटो, तुम्हारी शैतानी से सभी जानवरों को परेशानी हो रही है। तुम्हें समझना होगा कि खेल का मजा तभी आता है जब सबको बराबरी का मौका मिले। अगर तुम सबको परेशान करोगे, तो कोई भी खेल का आनंद नहीं ले पाएगा।”
मोटो ने उल्लू की बात सुनी और उसे एहसास हुआ कि उसने गलती की है। उसने सोचा कि उसे अपनी शैतानी की आदतों को बदलना होगा और सबको खुश रखने के लिए अपनी मदद करनी होगी। मोटो ने सबके पास जाकर माफी मांगी और वादा किया कि वह अब किसी को परेशान नहीं करेगा।
सभी जानवरों ने मोटो की माफी को स्वीकार कर लिया और खेल को फिर से शुरू किया। इस बार, मोटो ने अपनी शैतानी को छोड़कर सभी को सही ढंग से छिपने का मौका दिया। वह खुद भी अच्छे से छिप गया और सबके साथ खेल का आनंद लेने लगा।
खेल समाप्त होने के बाद, सभी जानवरों ने मोटो की तारीफ की और उसकी अच्छी आदतों की सराहना की। मोटो ने सीखा कि शैतानी से सिर्फ दूसरों को परेशानी होती है और खुशी का अनुभव तभी होता है जब सबका सहयोग हो।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि शैतानी और दुसरों को परेशान करने से किसी को भी खुशी नहीं मिलती। हमें अपनी आदतों में सुधार करना चाहिए और दूसरों के साथ अच्छे तरीके से पेश आना चाहिए। मोटो की कहानी ने हमें यह सिखाया कि सहयोग और सच्ची मित्रता से ही हम सभी खुश रह सकते हैं और हर गतिविधि का आनंद ले सकते हैं।
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