एक समय की बात है, एक हरे-भरे जंगल में एक चंचल बंदर रहता था जिसका नाम मोंटू था। मोंटू अपनी चपलता और मजाकिया हरकतों के लिए जाना जाता था। जंगल के अन्य जानवर उसकी क्यूट हरकतों से हमेशा हंसते रहते थे। वहीं, जंगल के किनारे एक छोटे से गाँव में एक प्यारा लड़का भी रहता था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन बहुत ही होशियार और दयालु था, लेकिन उसके पास ज्यादा दोस्त नहीं थे।
अर्जुन को जंगल में घूमना बहुत पसंद था। वह अक्सर स्कूल के बाद जंगल की ओर चल देता और वहाँ की सुंदरता का आनंद लेता। एक दिन, जब अर्जुन जंगल में घूम रहा था, उसने देखा कि एक बंदर झूला झूल रहा है और अपनी चपलता से फुदकते हुए एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर कूद रहा है। यह देखकर अर्जुन बहुत खुश हुआ और उसने सोचा कि वह इस बंदर से दोस्ती करेगा।
अर्जुन धीरे-धीरे मोंटू के पास गया और उसे देखा कि मोंटू एक केले के गुच्छे पर झूल रहा है। अर्जुन ने अपने बैग से एक चमचमाती चॉकलेट निकाली और मोंटू के पास ले जाकर कहा, “नमस्ते मोंटू, क्या तुम यह चॉकलेट खाना चाहोगे?” मोंटू ने चॉकलेट को देखा और उसे बहुत पसंद किया। उसने खुशी-खुशी चॉकलेट खाई और अर्जुन से दोस्ती कर ली।
अब अर्जुन और मोंटू अच्छे दोस्त बन गए। वे साथ में खेलते और जंगल की अलग-अलग जगहों की खोजबीन करते। एक दिन, अर्जुन और मोंटू जंगल के एक कोने में पहुँचे जहाँ एक बड़ा और खतरनाक सर्प रहता था। सर्प ने जंगल के जानवरों को बहुत परेशान कर रखा था और उनका जीना मुश्किल कर दिया था।
जब अर्जुन और मोंटू वहाँ पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि सर्प एक छोटे से तालाब के पास बैठा है और जानवरों को धमका रहा है।
मोंटू ने कहा, “अर्जुन, चिंता मत करो। मैं एक योजना बनाऊँगा।” मोंटू ने अपनी चतुराई का उपयोग करके एक चालाक योजना बनाई। उसने अर्जुन को कहा, “हमारे पास एक चालाक तरीका है। हमें सर्प को ध्यान भटकाने के लिए कुछ करना होगा।”
मोंटू ने जंगल के अन्य जानवरों से बात की और एक योजना बनाई। उसने अर्जुन और सभी जानवरों को एक साथ लाने की व्यवस्था की और कहा, “हम सर्प को एक बड़ी पार्टी का निमंत्रण देंगे और उसके ध्यान को भटकाने के लिए उसे व्यस्त रखेंगे।”
अर्जुन और मोंटू ने सर्प को एक बड़े भोज का निमंत्रण भेजा और बताया कि जंगल के सभी जानवर उसके लिए एक विशेष दावत का आयोजन कर रहे हैं। सर्प ने सोचा कि यह उसके लिए एक शानदार अवसर है और उसने भोज में शामिल होने का फैसला किया।
सर्प जैसे ही भोज में पहुँचा, अर्जुन और मोंटू ने अपनी योजना के अनुसार सर्प को खाने के लिए स्वादिष्ट भोजन परोसना शुरू कर दिया। सर्प खुशी-खुशी खाने में व्यस्त हो गया और उसकी ध्यान भटक गई। इस बीच, अर्जुन और मोंटू ने धीरे-धीरे तालाब के पास एक बड़ा और मजबूत जाल बिछा दिया।
जब सर्प भोज खत्म कर रहा था, तब अर्जुन और मोंटू ने जाल को खींच लिया और सर्प को उसमें फंसा दिया। सर्प को जाल में फँसा देखकर वह हड़कंप मचाने लगा, लेकिन अर्जुन और मोंटू ने उसे समझाया कि अब से उसे जंगल के जानवरों को परेशान नहीं करना होगा और शांति से रहना होगा।
सर्प ने अर्जुन और मोंटू की बात मान ली और वादा किया कि वह अब किसी भी जानवर को परेशान नहीं करेगा। अर्जुन और मोंटू ने सर्प को जाल से मुक्त कर दिया और उसे जंगल के एक दूरस्थ कोने में भेज दिया ताकि वह किसी को नुकसान न पहुँचा सके।
इस घटना के बाद, जंगल में शांति और खुशी का माहौल बन गया। सभी जानवर अर्जुन और मोंटू की बहादुरी और चतुराई की तारीफ करने लगे। अर्जुन और मोंटू की दोस्ती ने यह साबित कर दिया कि समझदारी और चतुराई से किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि चतुराई और साहस से किसी भी समस्या का समाधान किया जा सकता है। हमें अपनी बुद्धिमत्ता का उपयोग करना चाहिए और मिलकर काम करना चाहिए ताकि हम किसी भी कठिनाई का सामना कर सकें। अर्जुन और मोंटू की दोस्ती ने हमें यह सिखाया कि सही योजना और एकता से हम बड़ी से बड़ी समस्या का हल ढूँढ़ सकते हैं।
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